आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक रूप का परिचय करवाती है । परन्तु स्वयं के ही भयावह पक्ष को ना सह पाने के कारण हम अपने आप से आँखें मूँद लेते हैं।।
” स्वयं का सत्य जानना ही परमात्मा को जानना है ।।”
सीमा वर्मा
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