आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्योंकि तीर तो कभी कभी आंख बंद करके भी सही ठिकाने पर लग जाती है पर वास्तव में सफल और बुद्धिमान तो वहीं है जो 100 में 93 बार सफल हो।
RJ Anand Prajapati