आपकी आहुति और देशहित
जाति के जनप्रतिनिधियों को
ये सोचना चाहिए, वे जाति की वजह से नहीं, सर्व धर्म संभाव
की वजह से वहां हैं .।।
वे भले कौम के ठेकेदार बन जायें,
वे कौम को और अधिक दलदल में,
धकेलने का काम कर रहें हैं .।।
मिमिक्री के प्रसंग पर,
खुद को सुरक्षित करने के लिए,
जाट जाति का रंग देने की कोशिश की है,
दूसरी तरफ :- सुश्री मायावती ने,
उपराष्ट्रपति और जगदीप धनखड़ के रवैये
को देखकर नहीं,
राष्ट्रपति और सत्ता पक्ष की हां में हां,,
कौम के हित की राजनीति नहीं है .।।
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उन्होंने कौम को मद्देनजर रखकर न तो,,,
आय से अधिक संपत्ति, और न ही, अपने कार्यकाल में अनियमितता बरतने के लिए
बहुजन हिताय 🇮🇳 बहुजन सुखाय की पैरवी की थी,,
संविधान की सुरक्षा और बहुजन समाज के हितों की रक्षा के लिए, पार्टी का आगाज़
मान्यवर कांशीराम जी ने किया था,
पार्टी अपनी नीतियों से भटक चुकी है ।.।।
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मायावती चाहती है :- सत्तारूढ़ गठबंधन कायम रहे .।।।
देश के बहुतायत जन चाहते है,, सरकार बदले,,
भाई लोगों निर्णय और निर्माण
आपके हाथ की कला है,,
आज वर्तमान हालात में आ रहा है,
वोट :- एकविशेषाधिकार
एक नागरिक के वोट को भी संदेह में डाल दिया गया है,,,
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आज सत्ता दल, अपने सहयोगी घटक दल,
और जनप्रतिनिधियों को सीधे साधने में लगी हुई है :- बढ़ती महंगाई, महंगी शिक्षा, चिकित्सा, बेरोजगारी अपने चर्म पर है,,
इस स्थिति से बाहर निकलने का मार्ग अवश्य खोज लें
~ सब भाईयां नै राम राम ~