आपका भी दिल दुखाना पड़ गया ।
@ ग़ज़ल/दिल दुखाना पड़ गया ।@
जिंदगी मे आपको भी आजमाना पड़ गया ।
बेबसी मे आपका भी दिल दुखाना पड़ गया ।
लग गये आने कहर बन वक़्त के वो ज़लज़ले ।
दूरियां बढ़ती रही तुमको भुलाना पड़ गया ।
ग़म भरे लम्हों मे तन्हा रुक रहा है रात भर ।
चाँदनी ढलती रही दीपक जलाना पड़ गया ।
तुम भी रोये हो अग़र तो माफ़ कर देना मुझे ।
आँसुओ को तो छिपाकर मुस्कराना पड़ गया ।
रो रहा हूं, पढ़ रहा हूं , मै तेरे किरदार को ।
आँसुओं मे आज फ़िर से डूब जाना पड़ गया ।
खेल मत ये दिल कोई टूटा खिलौना है नही ।
टूट जाएगा ज़रा ग़म का निशाना पड़ गया ।
रह गयी रकमिश अधूरी प्यार की वो ख़्वाहिसें ।
दोस्ती की चाह मे आहे लुटाना पड़ गया ।
, राम केश मिश्र
Bhadaiyan, Sultanpur,U P