आना ही तो पड़ेगा__ अब चले आइए _ घनाक्षरी
चले आओ चले आओ, गिरधारी चले आओ।
संकट मिटाने तुम्हें ,आना ही तो पड़ेगा।।
कारा में है तात मात,सह रहे है संताप।
कंस के तो पाप अब, मिटाना ही पड़ेगा।।
आओ बंसी के बजैया, बनो सब के खिवैया।
बन पांचाली के भैया, चीर बढ़ाना पड़ेगा।।
पथ कर्म का सिखाओ, राह धर्म की दिखाओ।
गीता वाला उपदेश, सुनाना ही पड़ेगा।।
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द्वारे तोरे भक्त आए, उमंगे साथ में लाए।
पुकारे है कृष्ण कृष्ण, अब चले आइए।।
लीला तौरी है अपार, मिले सबको ही प्यार।
लाल वसुदेव जी के, अब चले आइए।।
माता देवकी पुकारे, सारे कष्ट है हरने।
निहारे राह नन्द बाबा, अब चले आइए।।
यशोदा को इंतजार, आएंगे आएंगे द्वार।
पालनहार जग के, अब चले आइए।।
**सभी साहित्यकार लेखकों कवियों एवं पाठक बंधुओं को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ?????
राजेश व्यास अनुनय