आना-जाना
शोच है….
दुनिया मे लोग आते है
और चले जाते है
बस यू ही दुनिया मे नम्बर
लग जाते है
एक के बाद एक चले जायेगे
अगले नम्बर पर हम चले जायेंगे
और जब लौट के आये
तो सबसे पहले हम ही आये
तुम्हें खोजें और तुम्हें न पाये
तब कही सिफारिश से
तुम्हें अपनी पौती के रूप मे पाये
तब तुमसे मिलके हम कहे
अब हम जाये
फिर आने के लिये पहले नम्बर लगाये
ये सिलसिला चलता रहे बार-बार
किसी कारण मैं लेट हो जाऊ
फिर कही तुम्हारे साथ
जिन्दगी बिताने के लिये तुम्हें समय दे पाऊ
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Swami Ganganiya