आनन्द कंद श्रीराम,,
आनन्द कंद श्रीराम,,
मानस के मर्मज्ञ तुलसी, अद्भुत रहे शिल्पकार।
रसाभिलासी भक्त जन,आनन्द लिये अपार ।।
शास्त्र दर्शन करा दिया, वेदों का दिव्य ज्ञान।
नाना पुराण निगमागम , सत्संग लगाऊं ध्यान।।
रामानुरागी भक्त जन,रसासिक्त समाज।
प्रतिछांया दर्शन करों,सहाय रहे हनुमान।।
ब्रम्ह राम की कृपा दृष्टि,सगुन राम के काम।
निर्गुण राम को जपते रहो,विजय करे प्रणाम।।
विलक्षण धारी पुत्र रहे,प्राप्त किया अवधेश।
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,अनवरत जपे महेश।।
राम नाम की रट लगा,भव बंधन कीजे पार।
विजय हृदय में वास रहे, आनन्द कंद श्री राम।।
श्री राम भक्त मानस परिवार अमोदी
ब्याख्याकार,डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी वि खं आरंग जिला रायपुर छत्तीसगढ़