आध्यात्म और जीवन
1.
जब आध्यात्म रुपी पुष्प
जीवन रुपी उपवन में खुशबू फैलाने लगे
समझो जीवन इस धरा पर
स्वयं को अभिभूत करने लगा है
2.
जीवन के गलियारे में
मन के किसी कोने में
आध्यात्म रुपी विचार
जब जन्म लेने लगें
समझो जीवन के पल्लवित
और संस्कारित होने का
यह सुखद क्षण है
3.
मन के किसी कोने में
आध्यात्म जोत जो जगाओगे
इसी बहाने उस परमेश्वर को
अपने नजदीक पाओगे
4.
कुंठा मन का विकार है
अध्यात्म इससे बाहर आने का उपाय है
जीवन मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन
केवल आध्यात्म में ही निहित है
5.
पावन सभी आत्माएं हो जाएँ
सुसंस्कृत सभी आत्माएं हो जाएँ
जब ये सभी आत्माएं
आध्यात्म रुपी अमृत का पान करने लगें