आधे अधूरा प्रेम
तुम्हारी संरचना
बहुमुखी प्रतिभा
बहुआयामी व्यक्तित्व वाली है,
कहाँ ठहर जाते,
सबका अपना कब्जा (अधिकार)
संवाद से तू बचते रहा,
अपवाद से दो चार, करते रहा,
वंचित रहा,
लाचार बेबस , खुद को कोसते हुए,
ये तो आधा अधूरा प्रेम है,
महेन्द्र भाई,
इसे समझ न सका.