आधुनिक दोस्ती का मीटर
मेरे दोस्तों की दोस्ती का मीटर बताने वाला,
एक कोई यन्त्र होना चहिए ।
पराई बाते करते है ,दोस्तो में ही विष भरते है
ऐसे दोस्तो के नाम मैं नाग होने चाइये ।
दोस्तो को किसी से मिलवाने मैं संकोच खाये,
ऐसे दोस्तो से भी ,दूर रहना चहिये।
मीठा मीठा बोल ,काम नकिल जाने पे पलट जाये,
ऐसे पालतुरामो की भी एक जांच होनी चहिए।
अपनी अपनी जो चलाये ,किसी ओर की बात न रख पाए ,
एसो को भी तो कभी अफसोस होना चहिये ।
मित्र बना के ठगे ,मित्र का नाम बदनाम करे
ऐसी दोस्ती को भी दोस्ती नही ,एक रोग होने चहिये।
बहुत से लोग लालच मैं मित्रता भूला बैठे,
स्वार्थ लूट लोभ मैं दोस्ती को लगा बैठे ,
एसो को भी तो दोस्ती का थोड़ा ज्ञान होना चहिये ।
दोस्ती की परिभाषा आज सिखलाने वाला,
एक कृष्ण सुधमा, एक सुगरीव राम होना चहिये ।
मेरे दोस्तों की दोस्ती का, मीटर बताने वाला
एक न एक तो यन्त्र होना चाहिए।
निस्वार्थ दोस्ती हो ,जो हमारे बारे मैं गलत न सोचती हो
जैसे हो स्वीकार करे कुछ न बदलाव होना चहिये ।
पैसा माया हाथो का मेल ,किसी छोटी मोटी बातो से न रुखनी जीवन की रेल
दोस्ती का मतलब हर परस्थिति मैं साथ होना चहिये ।
दिल को बस साफ रखो ,दिमाग से नही दिल से दोस्ती में बात करो ।
ये दोस्ती के रंग में राजनीति की चमक न होनी चहिये ।
बाते विश्वास की हो ,न किसी से किसी को कोई उदस्ती हो
कौन नाग ,कौन मित्र है ,ये भी तो साफ होना चहिये,
मेरे दोस्तों की दोस्ती का मीटर बतलाने वाला
एक न एक कोई यन्त्र होना चहिए ।।
मेरे दोस्तों की दोस्ती का मीटर बतलाने वाला
एक न एक कोई यन्त्र होना चहिए ।।
हर्ष मालवीय
एन. एस .एस. स्वयंसेवक
बीकॉम कंप्यूटर फाइनल ईयर
शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय हमीदिया
भोपाल मध्यप्रदेश