“आधी है चन्द्रमा रात आधी “
“आधी है चन्द्रमा रात आधी ”
आधी है चाँदनी, आधी है अंधकार,
जैसे जीवन का हर दिन होता है एक सफर नाव।
आधी है खुशियाँ, आधी है ग़म,
रात की गोद में बस जाता है सपनों का गाँव।।
” पुष्पराज फूलदास अनंत “
“आधी है चन्द्रमा रात आधी ”
आधी है चाँदनी, आधी है अंधकार,
जैसे जीवन का हर दिन होता है एक सफर नाव।
आधी है खुशियाँ, आधी है ग़म,
रात की गोद में बस जाता है सपनों का गाँव।।
” पुष्पराज फूलदास अनंत “