आधा चांद भी
आधा चाँद भी
झिलमिलाता है जब छत पर
क्यूँ ना फिर देख इसे
दिल खुश हो
ऐसा लगे के
जेसे सारे काम अधूरे
खुदा के हुकुम से
अब पूरे हों ।।।।
ShabinaZ
आधा चाँद भी
झिलमिलाता है जब छत पर
क्यूँ ना फिर देख इसे
दिल खुश हो
ऐसा लगे के
जेसे सारे काम अधूरे
खुदा के हुकुम से
अब पूरे हों ।।।।
ShabinaZ