आधार छंद – बिहारी छंद
आधार छंद – बिहारी छंद
मापनी : 221 122 112 211 22
गीत
हे प्राण प्रिये मस्त मगन ,
यों न सताओ .
मधुमास खड़ा द्वार हमें ,
भूल न जाओ .
हैं फूल खिले राग लिए ,
गीत भ्रमर के .
अब काम चढ़ा अंग लगे ,
तीर नजर के .
लो बाँह पकड़ प्रीत कहे ,
अंग लगाओ .
मधुमास खड़ा द्वार हमें ,
भूल न जाओ .
जो दर्प करे रूप सजा ,
ठीक नहीं है .
है धूप कहीं छाँव सुनो ,
रीत यही है .
संदेश कहे नित्य डगर ,
भूल न जाओ .
मधुमास खड़ा द्वार हमें ,
भूल न जाओ .
यह हाथ रहे हाथ सदा ,
चाह यही है .
विपरीत खड़े लोग मिले ,
बात सही है .
कुछ रूठ गए दूर हुए ,
दुख न मनाओ .
मधुमास खड़ा द्वार हमें ,
भूल न जाओ .
जलधार बहे नाद करे ,
पास बुलाए .
यह वक्त चले चाल सदा ,
भेद बताए .
मझधार पड़े चक्र , नजर ,
दूर जमाओ .
मधुमास खड़ा द्वार हमें ,
भूल न जाओ .
स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्य प्रदेश )