“आदर्श-व्यक्तित्व” #100 शब्दों की कहानी#
सीमा बगीचे में सुबह-सुबह घूमने गई, वहां दादा-दादी मिले जो यश को घुमाने लाए थे, साथ ही पेड़-पौधों की जानकारी दे रहे ।
उसने उनकी खुशी का राज जानना चाहा, “वे बोले वर्तमान में बढ़ती महंगाई के कारण बेटा-बहु दोनों को नौकरी की जरूरत हो गई , साथ ही वे हमारी भी जरूरतें पूरी करते हैं तो जिंदगी में हमारे दिल में जज्बा होना चाहिए, हम भी किसी की जरूरत बने।” हम यश की परवरिश के साथ पढ़ा रहे अच्छे संस्कारों का पाठ ताकि संसार में जहां भी कदम रखे, एक आदर्श-व्यक्तित्व प्रकाश की जगमगाहट हर जगह प्रसारित हो ।