Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2022 · 1 min read

आदर्शों की बातें

भूल हमसे हो अगर तो
समझौता करना चाहते हैं
अगर भूल दूसरों से हो तो
हम अपने लिए न्याय चाहते हैं

करना पड़े इंतज़ार किसी का
उसके लिए समय की कीमत नहीं है
करवाते है जब खुद इंतज़ार किसी को
कहते है थोड़ी देर तो हो ही जाती है

कैसा दोगलापन है ये हमारा
हो समय अच्छा तो ठहरना चाहिए
चल रहा हो मुसीबतों का दौर तो
वो समय जल्दी से बदलना चाहिए

है ये विरोधाभास हममें हमेशा से
लेकिन हम स्वीकार नहीं कर पाते
वो तो है ही ऐसा, घर देर से पहुंचता है
हम काम की वजह से जल्दी घर आ नहीं पाते

बात दूसरों की हो तो, आगे बढ़ना मुश्किल नहीं
बस लोग मेहनत नहीं करना चाहते हैं
जब खुद की बारी आए तो कहते हैं कि
पूरी कोशिश की, कौन सफल नहीं होना चाहते हैं

आंकते है दूसरों को सफलता से हमेशा
बात भी अपने नफे नुकसान के हिसाब से करते हैं
जब करता है कोई हमारे साथ भी ऐसा
हम यही पैमाना अपने ऊपर क्यों नहीं लगाते हैं

क्यों बदल जाते है हमारे विचार
जब बात अपने पर आती है
जो अपनाते हैं हम दूसरों के लिए
वो आदर्शों की बातें कहां चली जाती है।

Language: Hindi
15 Likes · 3 Comments · 1088 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
पंकज परिंदा
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
रहब यदि  संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
"तलबगार"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जताने लगते हो
जताने लगते हो
Pratibha Pandey
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
gurudeenverma198
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
..
..
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
दर जो आली-मकाम होता है
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
╬  लड़के भी सब कुछ होते हैं   ╬
╬ लड़के भी सब कुछ होते हैं ╬
पूर्वार्थ
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
प्रकृति
प्रकृति
Seema Garg
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
Rj Anand Prajapati
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
Loading...