आदम का आदमी
आदमी कभी पैदा नहीं होता !
आदमी बनता है
‘आदम’ की फैक्ट्री में।
अगर , इंशा को जने
आदम एवं हव्वा
फिर किसने जना
कौवा ?
भला किसी कोख का जन्मा
क्यों बनता
लादेन !
वह सिर्फ आदमी होता
कोई कैसे रक्त पिपासु होता
अपने भाई का
क्यों टुकड़ों में काटकर
फेंक देता
ख़ून से लतपथ
अपनी बहन को !
आखिर क्यों
कोई आदमी उठाता हथियार
वह सबकुछ
बदल देने के लिए
जो उसे मां की कोख से
पैदा होते ही मिला था !!
~आनन्द मिश्र