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31 May 2024 · 1 min read

आदमी

आदमी

आदमी ही आदमी पर वार करता है I
जंग का ऐलान करता है I
आज की दुनिया में राक्षश जरूरी नहीं ,
मनुष्य ही खुशियों का नाश करता है I

हिंसा ,आक्रोश ,गुस्से को जन्म दे,
ऐसे काम करता हैI
आदमी ही आदमी को निराश करता है I
नष्ट कर दे प्रकृति और धरती को ,
ऐसे पैतरे इजात करता हैI

आज हालात यूँ है ,
इंसान ही इंसान का दुःख नहीं समझता I
इंसानियत का कत्ल ,
वो सरेआम करता है II

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