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31 May 2023 · 1 min read

आदमी

मित्रो “मेरी जिदगीकेमुक्तक ” संग्रह से कुछ……..
आदमी से रोज पंगा ले रहा है आदमी ,,,
आदमी को रोज नंगा कर रहा है आदमी’
रोटियां अपनी सिकें जाये बाकी भाड मैं
आदमी की आड मैं सब कर रहा हैं आदमी,,,,,,,,,,
आदमी को रोज झूठा कह रहा है आदमी
आदमी को रोज धोखा दे रहा हैं आदमी ..
न कोई इन्सानियत है ,,न कोई शर्मओ हया ,
आदमी को गिद्ध बनकर खा रहा है आदमी,,,,

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