आदमी (3)
राशन ख़रीदने
किसी कठारख़ाने
की दूकान पर,
जो लगी हो
लम्बी-सी कतार ।
किस चीज की है
वह कतार , यह
कुछ-कुछ समझ में
आने बाली बात है ।
प्रमाणपत्र हाथ में लिए
किसी सरकारी या
ग़ैर-सरकारी दफ्त़र
के सामनें ,जो लगी हो
उदासीन-सी कतार ।
वह कतार क्या है ?
यह भी तुम्हारी या
हमारी समझ में
आने बाली बात है ।
लेकिन-यहाँ-वहाँ,
और जहाँ – तहाँ
कचरा बटोरने के लिए
जो लगीं हों
लम्बी-सी कतारें
समझ लो वे कतारें हैं
आज के आदमी कीं ।