Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2022 · 1 min read

आदमी हो या पायजामा

यार तुम आदमी हो या पायजामा
तुम्हें क्यों समझ में नहीं आता है।
बार बार तुम इस राजनीति के,
चक्कर में आ जाता है।
ना तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं।
ना ही गैस के हमें दाम रुलाता है।
फ़ख्त तुम गरीब हो,
यही तुम्हें बार बार रुलाता है।
दारू पी, मुर्गा खा।
पाँच-पाँच सौ का नोट ले जा।
मजे कर अपनी बीबी से लड़
क्यों मंहगाई मंहगाई चिल्लाता है।
अरे!रोना तेरे किस्मत में है।
नाहक़ ही हमें सताता है।
बेहतर है कि तुम खुदकुशी कर लो,
यू भी तेरी जिंदगी बहुत सस्ती है।
तेरी यहाँ पर क्या हस्ती है।
मै रेल बेचूं, बैंक बेचूं और बेचूं हिंदुस्तान।
इस पर बोलनेवाला होता तू कौन इंसान।
तुम गरीब हो, मेरे बादशाह की खता तो नहीं,
दाने दाने को तरस रहे हो।
यह उसकी रजा तो नहीं।
वो थोथी मन की बात से,
सारे मुल्क का पेट भरता है।
तू मन लगा कर सुनता ही नहीं
ये उसकी खता तो नहीं।
वो दुनिया में अपनी डंका पिटवा रहे हैं।
तुम झूठ मुठ का भद पिटवा रहे हो।
●●●
स्वरचित व मौलिक रचना:-
युवा कवि/ साहित्यकार
रविशंकर साह
सर्वोदय आवासीय विद्यालय
रिखिया रोड़, बलसारा बी0देवघर
झारखंड।
मोबाइल नम्बर- 7488742564

Language: Hindi
240 Views

You may also like these posts

स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
स्त्रियां, स्त्रियों को डस लेती हैं
पूर्वार्थ
4481.*पूर्णिका*
4481.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कप और ग्रिप
कप और ग्रिप
sheema anmol
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी खुशियों में शरीक
तेरी खुशियों में शरीक
Chitra Bisht
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय*
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
দৃশ্যপট
দৃশ্যপট
Sakhawat Jisan
माई कहाँ बा
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
याद है मुझे
याद है मुझे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" डर "
Dr. Kishan tandon kranti
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
बाण मां री महिमां
बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कृपण
कृपण
Rambali Mishra
गुलिस्तान के फूल
गुलिस्तान के फूल
शिवम राव मणि
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
गुमनाम सा शायर हूँ अपने  लिए लिखता हूँ
गुमनाम सा शायर हूँ अपने लिए लिखता हूँ
Kanchan Gupta
क्षणिक सुख ...
क्षणिक सुख ...
sushil sarna
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
बच्चों की दुनिया: माँ या मोबाइल
बच्चों की दुनिया: माँ या मोबाइल
Sudhir srivastava
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रूह का छुना
रूह का छुना
Monika Yadav (Rachina)
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
अपने जीवन में सभी सुधार कर सकते ।
Raju Gajbhiye
Loading...