आदमी बिक रहा है।
सच का झूठ, झूठ का सच हो रहा है।
कीमत दो साहब आदमी बिक रहा है।।
जहां में इंसा महशर से ना डर रहा है।
देखो ख़ुदको सबका खुदा कह रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
सच का झूठ, झूठ का सच हो रहा है।
कीमत दो साहब आदमी बिक रहा है।।
जहां में इंसा महशर से ना डर रहा है।
देखो ख़ुदको सबका खुदा कह रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍