Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2021 · 1 min read

आदतें

आदमी इस दुनिया से
विदा हो जाता है पर
उसकी आदतें
मरते दम तक
नहीं बदलती
एक बार जो मुंह
लग जायें
वह सारी उम्र
एक गले पड़ी औरत की
तरह ही नहीं बदलती।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
"आभाष"
Dr. Kishan tandon kranti
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
कोरोना काल में काल से बचने के लिए
कोरोना काल में काल से बचने के लिए "कोवी-शील्ड" का डोज़ लेने व
*प्रणय*
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
रुचि शर्मा
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
पूर्वार्थ
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
Er.Navaneet R Shandily
दूर दूर रहते हो
दूर दूर रहते हो
surenderpal vaidya
अहंकार
अहंकार
Bindesh kumar jha
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हर
हर "प्राण" है निलय छोड़ता
Atul "Krishn"
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
gurudeenverma198
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
पंकज परिंदा
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आंख मेरी ही
आंख मेरी ही
Dr fauzia Naseem shad
Khwahish jo bhi ho ak din
Khwahish jo bhi ho ak din
Rathwa Dipak Dipak
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
3717.💐 *पूर्णिका* 💐
3717.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
Manoj Mahato
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
ललकार भारद्वाज
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
Loading...