आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
आत्म संयम दृढ़ रखों, बीजक क्रीड़ा आधार में।
संकल्प समर्पण भाव हो, अंतः स्थल आकार में।।
आकर्षण ओज प्रोत हो, सशक्ति समर संग्राम में।
निज साम्राज्य स्वतंत्र हो, प्रभु चरण श्री धाम में।।
नवनीत पाण्डेय चंकी