Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

*आत्म-विश्वास*

” खुद पर हो अगर विश्वास
तो एक दिन मंजिल खुद चल कर आएगी तेरे पास
खुद पर बस गुमान नहीं
भरोसा करना तू
किसी की उपेक्षा भरी निगाहों से
कभी न डरना तू
चाहे लाख काँटे भरे
जमाना तेरी राहों में
उन्हें फूल समझ कर
हरदम चलना तू
आँधियां चले या
लोग तुझ पर जी भर कर हँसे
इन सब बातों पर जरा भी ध्यान ना देना तू
विश्वास खुद पर रखना
यह बहुत बड़ी पूँजी
बस इस आत्म-विश्वास को
जिंदगी में कभी न खोना तू”

Language: Hindi
46 Views
Books from Vaishaligoel
View all

You may also like these posts

मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कविता
कविता
Rambali Mishra
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
Ashwini sharma
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रोशनी की किरण
रोशनी की किरण
Jyoti Roshni
सौंदर्य के मापदंड
सौंदर्य के मापदंड
Chitra Bisht
Zomclub mang đến một không gian giải trí cá cược đẳng cấp vớ
Zomclub mang đến một không gian giải trí cá cược đẳng cấp vớ
zomclubicu
4781.*पूर्णिका*
4781.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पारले-जी
पारले-जी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
निष्कर्ष
निष्कर्ष
Dr. Kishan tandon kranti
इक कसक ने पहलू में, पनाह तो ली है।
इक कसक ने पहलू में, पनाह तो ली है।
श्याम सांवरा
"बिलखती मातृभाषा "
DrLakshman Jha Parimal
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
कुछ काम कर
कुछ काम कर
डिजेन्द्र कुर्रे
# कर्मों का लेखा जोखा#
# कर्मों का लेखा जोखा#
rubichetanshukla 781
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
हिम्मत हारते है जो
हिम्मत हारते है जो
Vaishaligoel
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
कह्र   ...
कह्र ...
sushil sarna
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
*रोज बदलते अफसर-नेता, पद-पदवी-सरकार (गीत)*
Ravi Prakash
शे
शे
*प्रणय*
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
हम राज़ अपने हर किसी को  खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
Dr Archana Gupta
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
Loading...