~~~ आत्म मंथन कर के देखो तो ~~~
इक जिन्दा लाश की तरह
पड़े हुए जिस्म को कभी देखो
जाकर किसी अस्पताल में
दिल पर सीधा असर हो जाता है !!
दुःख की उस घडी में
सच भगवान् का ध्यान आता है
बचा ले निकाल जल्दी यहाँ से
यही विचार मन को सताता है !!
किस कर्म की सजा दी है तूने
बार बार इंसान कह जाता है
पता तो उस वक्त वहां
सारे रिश्तेदारों का ही चल जाता है !!
इसी का नाम है वक्त
जो इंसान को संभाल जाता है
वो कर जाता है मदद उसकी
जो कभी फिर दोबारा नजर न आता है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ