आत्मा
तुम क्या जानो अभिमानी। रस रस रस की अलग कहानी। अपनी मस्ती पर गरूर करें। बनकर अक्षर ज्ञानी। ज्ञान शब्द की परिभाषा। आज तक ना जानी। बिना आत्मा की खोज करें। बन जाए तत्व ज्ञानी। कौन छोटा और कौन बड़ा है। बस यहां तक अंतर जानी। अपने आप को समझता है। बस ज्ञानी ध्यानी। पूछा ना कभी अंतर आत्मा से ना आत्मा की भूख जानी