आत्मा की आत्मा से बात।
दीपावली का दिन था,एक फैक्टरी का मालिक अपनी फैक्ट्री में मां लक्ष्मीजी की पूजा करने के लिए आता है। और उसके पास महंगी महंगी गाड़ियां हैं, उन्हीं गाड़ी में उनको डायवर लेकर आता है। मालिक ने कुछ फैक्ट्री के कर्मचारियों को भी बुलाया था। जिनमें एक एकाउंटेन्ट भी शामिल था।जो वहीखातो को लेकर आया था।जब मालिक ने मां लक्ष्मीजी की पूजा अच्छी तरह से किया।जब पूजा खत्म हुई तो मालिक अपनी गाड़ी में बैठ कर घर जाने लगा। तभी उसकी नजर, फैक्ट्री में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों पर पड़ी।तब मालिक ने पूछा और कैसे हो।तब उन लोगों ने कहा सब ठीक है सर जी।उस समय सफाई कर्मचारियाें की संख्या कुल तीन थी।उन तीनों ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। फिर सफाई कर्मचारियों की आत्मा बोली,साहब जी कुछ इनाम चाहिए था। फिर फैक्ट्री मालिक की आत्मा ने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं।जेब खाली है।तब सफाई कर्मचारियों की आत्मा बोली कि आज दीपावली का त्यौहार है।कम से कम ,आज तो कुछ रुपये-पैसे अपनी जेब में रखा करो।तब मालिक की आत्मा ने कहा कि,जब से मैं बड़ा आदमी बना हूं।तब से मैंने अपनी जेब में पैसे रखना बंद कर दिया है। और मालिक की गाड़ी चली गई। फिर सफाई कर्मचारियों की आत्मा ने दुआं दी,कि हमेशा आपकी जेब खाली रहें।इस तरह से बड़े बनने से क्या फायदा ,जो किसी भी त्योहार पर गरीब आदमी को कुछ न दे सके। क्योंकि बड़ों से गरीब आदमी की आशा लगी रहती है।