आत्मावलोकन का महत्व
अपने गुनाहों को देखकर गैरों पर इल्ज़ाम लगाएं ,
कैसे हैं यह चोर उल्टा कोतवाल को ही डांट लगाएं ।
अपना गिरबान देखते तो कोई समस्या ही न होती ,
मगर ये हठी है जो बे वजह दूसरों को चोट पहुंचाएं ।
वही इंसान सबसे बेहतर जो निज कमियों को देखे ,
अपनी कमियों को स्वीकारे वही जन देवता कहलाएं।
मगर जो इंसान खुद को पाक दामन और श्रेष्ठ समझें ,
और दूसरों को अपने से कमतर और नीचा ठहराए ।
जानबूझकर/अंजाने में जो किसी को पीड़ा पहुंचाए ,
ईश्वर के दरबार में ऐसा घमंडी इंसान ही दंड पाएं ।
अगर हर इंसान अपनी कमियों को ह्रदय से स्वीकारे ,
तो समाज मेंअमनओ सुकून का वातावरण बन जाए ।
यदि घरों में भी परिजन निज कमियों को देखें समझें,
तो प्रेम और विश्वास से उनका बंधन मजबूत हो जाए ।
अपनी अंतरात्मा में झांकना है महानता की निशानी,
अत:मानवता के लिए जरूरी है खुद को परखा जाए ।