आत्महत्या नहीं, क्रांति करो!
*****(तेरे बिन)******
ऐ ज़िंदगी, तेरे बिना भी
जी कर दिखा सकता हूं मैं।
दिल में हजारों ग़म लेकर
अभी मुस्कुरा सकता हूं मैं।
अब तुझे भी-बहुत जल्द ही
हो जाएगा-इसका यकीं
ये तख्त क्या-वो ताज क्या
दुनिया हिला सकता हूं मैं।
Shekhar Chandra Mitra