आत्मसम्मान
आत्मसम्मान, एक महान गुण,
जीवन का महत्वपूर्ण स्तम्भ।
हैरानी उठाए, सबको प्रशंसा,
अपने आप को जीवित करता जीने का अधिकार।
आत्मसम्मान, जो संभव कर देता है,
आत्मविश्वास के उड़ानों को साथ लेता।
कठिनाइयों को पार करने की शक्ति,
हर बाधा पर विजयी बनाता है।
आत्मसम्मान, एक प्रकाश की किरण,
जो जीवन में रौशनी लाता है।
व्यक्तित्व को मजबूत और आकर्षक बनाता है,
सच्चाई और समर्पण की धारा बहाता है।
आत्मसम्मान, गर्व की पहचान,
अवमान और निरादर को सहन नहीं करता।
समानता की बात कहता है सबसे,
न्याय और सम्मान का होता है आदान-प्रदान।
आत्मसम्मान, महानतम धन,
जो व्यक्ति को अमर बना देता है।
समय के साथ बदल जाते हैं सब,
पर आत्मसम्मान बना रहता है सदा।
आत्मसम्मान, जीवन की शान,
हर कार्य में उच्चता लाता है।
जिसकी आदत हो आत्मसम्मान की,
वही है सच्ची मानवता का प्रतिष्ठान।