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1 Aug 2019 · 1 min read

आत्मज उदित के जन्मदिवस पर

हवा संदली तुमको लोरी सुनाए
सुबह गुनगुनी कान में गुनगुनाए
हों सुमनों से सज्जित तुम्हारी फिजाएं
सदा खुश रहो हैं हमारी दुआएं

सितारे हो झिलमिल तुम्हारी निशा मे
चिरागों की जगमग मिले हर दिशा में
अंधेरा कभी सामने आ न पाए
सदा खुश रहो हैं हमारी दुआएं

Language: Hindi
1 Like · 470 Views
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