*आते हैं भगवान 【भक्ति गीत】*
आते हैं भगवान 【भक्ति गीत】
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दंड दुष्ट को देने चलकर, आते हैं भगवान
(1)
भोले – भाले भक्तों को जब, दुर्जन लोग सताते
अपने धनबल और बाहुबल के ऊपर मदमाते
तब निर्बल के लिए प्रकृति, रचती है दिव्य विधान
(2)
यह मत समझो ताकत से तुम, जो चाहे कर लोगे
और दंड के क्रूर-पाश से, फिर भी मुक्त रहोगे
मिलता है अभिशाप दुष्ट को, दुर्बल को वरदान
(3)
सदा मान कर चलो जगत पर, है ईश्वर का साया
कभी दीखती ,कभी दीखती नहीं ईश की काया
रखो पूर्ण विश्वास, अंत में होगा मंगल – गान
(4)
कपट और छल से धरती पर, चाहे बच जाओगे
मगर अदालत से ईश्वर की, कैसे बच पाओगे ?
आदिकाल से तोड़ रहा वह, दुष्टों का अभिमान
दंड दुष्ट को देने चलकर, आते हैं भगवान
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451