*आते हैं जग में सदा, जन्म-मृत्यु के मोड़ (कुंडलिया)*
आते हैं जग में सदा, जन्म-मृत्यु के मोड़ (कुंडलिया)
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आते हैं जग में सदा, जन्म-मृत्यु के मोड़
दो दिन रहते साथ में, जाते फिर सब छोड़
जाते फिर सब छोड़, पिता-माता का नाता
पत्नी-पति संबंध, कहॉं शाश्वत निभ पाता
कहते रवि कविराय, रुदन सब के घर पाते
यम ले मुख विकराल, घरों में सबके आते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451