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26 May 2022 · 1 min read

आतुरता

खिड़कियों की टूटी काँच से
अंदर आने को आतुर
रोशनी की किरणे
बस ठीक उसी तरह
मेरी आतुरता
तुम्हें छू भर जाने की
रोशनी से मिल
रोशनी हो जाने की
अनंत के अंतिम बिंदु से भी परे
कहीं खो जाने की
शून्यता और पूर्णता के
एक हो पाने की………

Language: Hindi
7 Likes · 8 Comments · 498 Views
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