आतुरता
खिड़कियों की टूटी काँच से
अंदर आने को आतुर
रोशनी की किरणे
बस ठीक उसी तरह
मेरी आतुरता
तुम्हें छू भर जाने की
रोशनी से मिल
रोशनी हो जाने की
अनंत के अंतिम बिंदु से भी परे
कहीं खो जाने की
शून्यता और पूर्णता के
एक हो पाने की………
खिड़कियों की टूटी काँच से
अंदर आने को आतुर
रोशनी की किरणे
बस ठीक उसी तरह
मेरी आतुरता
तुम्हें छू भर जाने की
रोशनी से मिल
रोशनी हो जाने की
अनंत के अंतिम बिंदु से भी परे
कहीं खो जाने की
शून्यता और पूर्णता के
एक हो पाने की………