आतिशबाजियों पर लगाम रहे ..
आप दिवाली मनाएं बड़ी खुशी से,
मगर दोस्तों ! यह सदा ध्यान रहे ।
आपकी खुशी के एवज पर कोई ,
कोने में डर के दुबक के क्यों रहे।
जी हां ! आपके बेजुबान साथी ,
रहते आतिशबाजियों से डरे डरे ।
क्या ये सही ना होगा आपकी खुशी।
इनका मन प्रफुल्लित आनंदित करे ।
आप इन्हें भी खुशी में शामिल करें ,
पटाखों नहीं ! दीयों से घर रोशन रहे।
धन की देवी लक्ष्मी की आराधना करें ,
मेहमानों का स्वागत मिठाइयों से करें ।
चलो ! उठाए शपथ अपने बेजुबानों हेतु,
इस बार आतिशबाजियों पर लगाम रहे ।
क्योंकि यह पशुओं पक्षियों वास्ते ही नहीं ,
सम्पूर्ण प्रकृति ,पर्यावरण हेतु जहर है ।
और मनुष्य भी इसका अभिन्न हिस्सा है ,
तो क्यों भला मनुष्य यह मूर्खता करे ?
तो यह परम आवश्यक है सभी के जीवन हेतु ,
हम मनुष्य इस दिवाली में पटाखों से दूर रहे ।