sp102 परम पिता ने स्वयं
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परम पिता ने स्वयं बनाया भाई और बहन का रिश्ता
तब जाकर अस्तित्व में आया भाई और बहन का रिश्ता
रिश्ते बनते और बिगड़ते दुनिया में स्वारथ के कारण
और स्वार्थ मे ही टकराया भाई और बहन का रिश्ता
अगर बचाना चाहो रिश्ता नहीं बीच में आए तीसरा
वह अपनी ही चालाकी में कर देता है मजा किरकिरा
मिलो साथ में बात भी करो वैमनस्य को दूर करो
खुलकर पक्ष सामने रख दो किसी को मत मजबूर करो
कोई नहीं जानता जगत में कितने दिन का साथ लिखा है
यह रिश्ता पावन भारत का इसमें नहीं प्रतिघात लिखा है
जो भी है हम सब की क्षमता उसमें ही निर्वाहन है होना
बस जलने से हाथ बचा लो समझो पुण्य हवन है होना
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
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