आतंकित है बेईमान,जारी इस फरमान से। मुँह लटकाये गद्दार,चलते थे जो अभिमान से।
मुक्तक :
……
आतंकित है बेईमान,जारी इस फरमान से।
मुँह लटकाये गद्दार,चलते थे जो अभिमान से।
उन्नति की ओर उन्मुख होते कदम देख
मुस्कुराई भारती मोदी के इस अभियान से।
#पूनम_झा। कोटा, राजस्थान। 16-11-16
######################