Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2023 · 1 min read

#आज_की_कविता :-

#लघुकविता-
■ चेहरा झूठ बोलता है।।
【प्रणय प्रभात】
“भावों को पढ़ना सरल नहीं
कोई मत गढ़ना सरल नहीं।
अनुमान लगाना मुश्किल है
अंतर तक जाना मुश्किल है।
मन बस कुछ देर बदलता है
जो दिखता झूठ निकलता है।
आवरण अनेकों धारण कर
उत्पन्न भरम के कारण कर।
दिख पाता कोई तथ्य नहीं
कहने को कोई कथ्य नहीं।
क्षण भर में जाना-पहचाना
क्षण भर में होता अंजाना।
कितने ही सच झुठलाता है
मिथ्या को सच बतलाता है।
ना लेश-मात्र परिचायक है
निश्चित मानो यह भ्रामक है।
कब कोई भेद खोलता है।
अब चेहरा झूठ बोलता है।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
Sonam Puneet Dubey
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3346.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3346.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
Ranjeet kumar patre
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
तेरे दर पे आये है दूर से हम
तेरे दर पे आये है दूर से हम
shabina. Naaz
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
युग परिवर्तन
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
शेखर सिंह
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू
हाथ पकड़ चल साथ मेरे तू
Aman Sinha
क्या अपने और क्या पराए,
क्या अपने और क्या पराए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
दिल के कागज़ पर हमेशा ध्यान से लिखिए।
दिल के कागज़ पर हमेशा ध्यान से लिखिए।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
चलती  है  जिन्दगी  क्या ,  सांस , आवाज़  दोनों ,
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
Neelofar Khan
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
Shashi kala vyas
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
सत्य कुमार प्रेमी
अक्स मेरा
अक्स मेरा
Dr Mukesh 'Aseemit'
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
मधुसूदन गौतम
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
Loading...