प्यार और परवाह करने वाली बीबी मिल जाती है तब जिंदगी स्वर्ग स
सच्चे देशभक्त आजादी के मतवाले
बाण माताजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
पौधे दो हरगिज नहीं, होते कभी उदास
इसीलिए तो कहता हूं, संवेदनाएं जिंदा रखो।
विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामप
है कोई तेवरी वाला जो... +शम्भुदयाल सिंह ‘सुधाकर’