आज हमारी कल को तुम्हारी
आज हमारी कल को तुम्हारी
आज तुम्हारी कल को हमारी
आयेगी जहां से जाने क़ी बारी।
जब तक जीवन जी लो यारो
कर लो कल क़ी आज तैयारी॥
अरमां रहे न कोई बाकी
सुनिये भैया सुनिये भाभी
लौट के फिर न आने वाले
इस दुनियां से जाने वाले
देखो मौत यह जाये न टारी॥
प्रेम फर्रुखाबादी