‘विश्व जनसंख्या दिवस’
आज विश्व में जनसंख्या ने भयावह रूप ले लिया है। यद्यपि आज शिक्षा के कारण व्यक्ति जनसंख्या पर नियंत्रण करने की कोशिश तो कर रहा है पर उतनी सफलता नहीं मिल पा रही है। चिकित्सा विज्ञान में नयी नयी तकनीक से मानव ने अनेक बीमारियों पर काबू कर लिया है ।इससे मृत्यु दर में अवश्य गिरावट हुई है।
भारत में भी जनसंख्या दर निरंतर बढ़ रही है। एक परिवार में पति-पत्नी दो सदस्य हैं और हर परिवार में दो दो बच्चे भी हुए तो जनसंख्या तब भी दुगुनी तो हो ही जाएगी ।
जितनी जनसंख्या बढ़ेगी उतने संसाधन कम होते जाएंगे। वन घटेंगे खेत कम होंगे क्योंकि स्कूल ,अस्पताल, फैक्ट्रियाँ बनेंगे।रहने के लिए घर बनेंगे।खेती की जमीन कम होगी ।खाद्यान्न कम होंगे। मंहगाई बढ़ेगी। कर बढ़ जाएंगे। अगर कर नहीं बढे़गा तो विकास के कार्य कैसे हो पाएंगे। सुविधाओं से वंचित होना पढ़ेगा। अपराध भी बढ़ जाएंगे।
इसलिए जनसंख्या नियंत्रण की ओर सबको ध्यान देना आवश्यक है। समाज का विकास ठप हो जाएगा। व्यक्ति के लिए जीवन दुश्वार बन जाएगा।
विकास तो हो रहा है लेकिन अथाह जनसंख्या के कारण दिखाई नहीं पड़ रहा है।
हम सभी का कर्तव्य है कि आनेवाली पीढ़ियों के विषय में अवश्य सोचें।
-GN