आज मै हारा खुद को जीताने के लिए
वैसे तो मुझे नौकरी करते हुए 8 वर्ष हो गए और इस दौरान विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला ,फ़िलहाल अभी मै एक लेखांकन प्रबंधक के पद पर काम कर रहा हु। मेरे सहकर्मी में एक लड़का जिसने अभी अपने आजीविका की शुरुआत ही की है उसके साथ मैंने सही व्यव्हार नहीं किया जो की गलत है। ऐसा इसलिए हुआ क्युकी मै अपने एक सहकर्मी के साथ काम कर रहा था और उसे कुछ समझा रहा था तभी वह लड़का आकर बोलता है की मै भी आप लोगो की बात सुनु जिसपर मैंने उसे कहा नहीं तुम हमारी बात क्यों सुनोगे तो वह बोला क्युकी आप दोनों मेरे बारे में बात कर रहे है। उसकी इस बात पर मुझे गुस्सा आया और मै उस पर चिल्लाया और मेरे मुँह से कुछ ऐसे शब्द भी निकले जो नहीं निकलने चाहिए थे। उसने इस बात को एक बड़ी बात बनाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और दुबारा से काम पर लौटने के लिए एक शर्त रखी की अगर अमित अपनी गलती मानेगा तो मै आने के लिए तैयार हु। मुझे बोला गया की आप उसे गले लगाओ और उसे समझाओ की काम करे अच्छे से अभी तो उसके जीवन की शुरुआत है। मैंने सिर्फ गले नहीं लगाया उसे गले लगा के अपनी गलती के लिए माफ़ी भी मांगी और साथ में ये भी समझाया की जब दो लोग आपस में बात करे तो ऐसे बीच में जाकर नहीं बोलना चाहिए इतना तो शिष्टाचार होना चाहिए तुम्हारे अंदर। जहाँ मै बैठता हु उस जगह पर 6 लोग एक साथ बैठते है जिसमे एक 60 वर्ष के भी है लेकिन 3 लोगो ने अपना एक समूह बना लिया है जो एक इतने उम्रदराज वरिष्ठ अधिकारी को सुबह आने पर सुप्रभात भी नहीं करते और न ही मुझे करते है। मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन जो हम पढ़ते है किताबो में सीखते है अच्छा शिष्टाचार अपनाने के बारे में उसे हम अपने जीवन में क्यों नहीं अपनाते। पढ़े लिखे लोग जो आराम से वातानुकूलित कार्यालय में बैठ कर काम कर रहे है उनके अंदर शिष्टाचार नहीं होगा तो हम उनसे क्या उम्मीद करे जिन्हे ये सब सीखने का मौका नहीं मिला। मैंने इस घटना से जो सीखा वह इस प्रकार है :-
1. आप कही भी किसी पर न चिल्लाये
2 . कभी गुस्सा न करे
3 .किसी के लिए कुछ भी अपशब्द न निकाले
4 . एक नकारात्मक माहौल में भी सकारात्मक रहकर शांत रहे
5 . हमेशा हर बात पर प्रतिक्रिया न दे
आपसे उम्मीद करता हु की आप भी कुछ सुझाव दे जिसको अपना कर मै अपने जीवन में बहुत अच्छा काम करू।