आज मैं बीज हूं ।
आज नहीं तो , कल उभरूंगा ,
थोड़ा धूप, थोड़ा उमस सहूंगा
आज मै एक बीज हूं ,
कल अंकुर बनूंगा ,
आज नहीं तो , कल उभरूंगा ,
आज मै एक बीज हूं ।।
बटुर – बटुर आएगी दुनिया
मुझे देखने आएगी ,
आज मै एक बीज हूं ।।
आज नहीं तो , कल उभरूंगा ,
फलों से खूब लदुंगा ।
आज नहीं तो , कल उभरूंगा ,
धरती के कोख से निकलूंगा ।
आज नहीं तो कल उभरूंगा ।।