आज भी रखा है।
तुम्हारा दिया गुलाब आज भी रखा है किताबे पुरानी में।
यही तो बस बचा हमारे पास तुम्हारी इश्क ए निशानी में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
तुम्हारा दिया गुलाब आज भी रखा है किताबे पुरानी में।
यही तो बस बचा हमारे पास तुम्हारी इश्क ए निशानी में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍