Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2022 · 1 min read

आज बच्चों के हथेली पर किलकते फोन हैं।

——-(गीतिका छंद)——-

आज बच्चों के हथेली पर किलकते फोन हैं।
बेधड़क ही दे रहे माता -पिता वे कौन हैं?
कौन है जो दे रहे परिणाम कुछ सोचे बिना?
सौंप देते हैं हरे – हाथों स्वयं ही पूतना । १।

कह रहे हैं बाल – बच्चे आज बूढ़े तात से।
तात! तुम भी नेत्र का दो दान अपने हाथ से।
सीख लो अखबार की तुम ऊब यूँ ही झेलना ।
सीख लो अथवा हमीं से वीडियोगेम्स् खेलना। २ ।

आह इन क्रीड़ास्थलों में दौड़ते कुछ लोग हैं।
रोगपीड़ित, स्थूल या व्यायामशील निरोग है।
दीखती है पर नहीं एकत्र बालक- टोलियां ।
अवश्य ही होंगे ‘घरों में वे चलाते गोलियां’ | ३ |

-सत्यम प्रकाश ‘ऋतुपर्ण’
(दि०-२८-०१-२२)

Language: Hindi
2 Likes · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
Shakil Alam
बुंदेली चौकड़िया
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कलम बिकने नहीं देंगे....
कलम बिकने नहीं देंगे....
दीपक श्रीवास्तव
हृदय की वेदना को
हृदय की वेदना को
Dr fauzia Naseem shad
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
4485.*पूर्णिका*
4485.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
रूह की अभिलाषा🙏
रूह की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा "ज़
*प्रणय*
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
पूर्वार्थ
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
खुदा तो रुठा था मगर
खुदा तो रुठा था मगर
VINOD CHAUHAN
#विषय गोचरी का महत्व
#विषय गोचरी का महत्व
Radheshyam Khatik
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
अगर ठोकर लगे तो क्या, संभलना है तुझे
Dr Archana Gupta
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
फर्श पे गिर के  बिखर पड़े हैं,
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
हिमांशु Kulshrestha
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
सबसे दूर जाकर
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
गमन जगत से जीव का,
गमन जगत से जीव का,
sushil sarna
" आजकल "
Dr. Kishan tandon kranti
रोक दो ये पल
रोक दो ये पल
Dr. Rajeev Jain
मेरी हकीकत.... सोच आपकी
मेरी हकीकत.... सोच आपकी
Neeraj Agarwal
Loading...