आज फिर दिल ने
आज फिर दिल ने
ख्वाहिश की पुरानी यादें
भुला पाने की
ज़िंदगी बीत रही है लम्हा लम्हा
और कसक रही हैं
वही पुरानी यादें
हिमांशु Kulshrestha
आज फिर दिल ने
ख्वाहिश की पुरानी यादें
भुला पाने की
ज़िंदगी बीत रही है लम्हा लम्हा
और कसक रही हैं
वही पुरानी यादें
हिमांशु Kulshrestha