आज दिल ने कहा…
आज दिल ने कहा कुछ खास लिखो
कुछ गुजरे हुए अहसास लिखो
तब क़लम से मुलाक़ात हुई
फिर हर एक लब्ज़ बरसात हुई
बहुत किताबें भीग चुकी थीं
शायद जीना छोड़ चुकी थीं
सब कहतीं ये कौन है शायर
जिन्दा है हर दम मर-मरकर
हंसता भी है गाता भी है
फिर भी आँखों में भरा समंदर
दूर हुई कुछ यादें इससे
थोड़ा सा तो पास लिखो
आज दिल ने कहा कुछ खास लिखो
लिखा तो पन्ना गवाह बना
वो तन्हाई का शमाँ बना
पूछा कि दर्द कहां रखते हो
तुम हर रोज घड़ी हरदम
बस मद्धम मद्धम हंसते हो
कुछ तो होगी तेरी कहानी
होगी कोई तेरी दीवानी
जो जिन्दा होगी तेरी खातिर
किया ना होगा कुछ भी जाहिर
‘शायर’ अब भी वक़्त बहुत है
है वो बड़ी उदास लिखो
आज दिल ने कहा कुछ खास लिखो
…भंडारी लोकेश ✍️