आज त्यौहार है आओ कोई सौग़ात करें
आज त्यौहार है आओ कोई सौग़ात करें
लाल मज़दूर का भूखा है चलो बात करें
मुझ को हैरत है ख़ुदा तेरी मुसाफ़त पे, मगर
ज़िंदगी बैठ तो, हालात कि कुछ बात करें
डाल दें दिल को किसी ज़र्फ में तो क्या न करें
हाँ ! करें आप मुहब्बत में ये ख़ैरात करें
ताड़ती मुझको पस-ए-दर से वो ज़ुल्मत कि नज़र
आप क्यों बैठ गए, आए मुझे घात करें
साँप ख़ानों से, बिसातों से पियादे निकले
जंग मक़्तल में है शतरंज़ पे क्या मात करें
मार डालें न कहीं तुझ को सियाही कि सहर
शिव उजाले के हवाले से नई रात करें
Shivansh Singhaniya