*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)
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1)
आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है
कौन मरा किसकी गोली से, किसे याद रह पाता है
2)
दो दिन का यह यौवन जानो, दो दिन का होता जीवन
जो अतीत हो गया याद फिर, मुश्किल ही से आता है
3)
जिससे पहली बार मिले थे, सावन की बरसातों में
क्या कोई भी जीवन भर उस, क्षण की याद भुलाता है
4)
जिसे शिखर पर हमने ही श्रम, कर-करके बैठाया था
अब वह हमसे मिलने तक से, जाने क्यों कतराता है
5)
नालायक औलादों को भी, नहीं कभी बद्दुआ मिली
माता और पिता का दिल ही, प्रभु इस तरह बनाता है
6)
नई जानकारी ही केवल, पुस्तक से मिल पाएगी
असली पाठ सदा जीवन का, अनुभव सिर्फ सिखाता है
7)
जिनको तुमसे प्रेम बहुत है, उनके दिल को मत तोड़ो
इसका दंश चुभेगा जिस दिन, तब फिर बहुत रुलाता है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615451