Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2024 · 1 min read

आज के समाज का यही दस्तूर है,

आज के समाज का यही दस्तूर है,
नेक दिल इंसान का ना कोई वजूद है।
कलुषित हृदय से जो चाटुकारिता करे,
वही प्रिय मानव तो सबको मंजूर है।

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 109 Views

You may also like these posts

गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
सृष्टि चक्र की स्तंभ नारी
सृष्टि चक्र की स्तंभ नारी
Sudhir srivastava
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
Sadhavi Sonarkar
रौनक़े  कम  नहीं  है  चाहत  की,
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
Shweta Soni
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
*फहराओ घर-घर भारत में, आज तिरंगा प्यारा (गीत)*
Ravi Prakash
सच का सिपाही
सच का सिपाही
Sanjay ' शून्य'
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
Pramila sultan
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*प्रणय*
23/56.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/56.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुविधा
दुविधा
उमा झा
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
Phool gufran
कोशिश
कोशिश
Chitra Bisht
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
यूपीएससी या एमपीपीएससी के युद्धक्षेत्र में, आप अर्जुन हैं, ज
पूर्वार्थ
जागो माँ के प्यारे
जागो माँ के प्यारे
संतोष बरमैया जय
आसमान ही खो गया,
आसमान ही खो गया,
sushil sarna
ओ मेरे गणपति महेश
ओ मेरे गणपति महेश
Swami Ganganiya
"अंगूर"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
सुना है इश्क़ खेल होता है
सुना है इश्क़ खेल होता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...